अबाध घूसखोरी के लिए ही हरैया तहसील में हुआ, प्राइवेट मुंशियों का आविष्कार !
• मुख्यमंत्री की आपत्ति के बावजूद ऊपरी कमाई के लिए पाले जा रहे प्राइवेट मुंशी। • एंटी करप्शन आर्गनाइजेशन की पकड़ से बाहर होने के नाते ही पाले जा रहे गैर सरकारी मुंशी। बस्ती - जिले की बदनाम तहसील हरैया में एक बार फिर प्राइवेट मुंशियों ने अपनी पैठ विधिवत बना ली है। जिनकी संख्या स्थाई कर्मचारियों से कहीं ज्यादा है। बार बार कई उप जिलाधिकारियों द्वारा परिसर से बाहर निकाल दिए जाने के बाद भी ये प्राइवेट मुंशी दुबारा कार्यालयों/ न्यायालयों में अपनी पैठ आखिर किसके इशारे पर बना लेते हैं ? इनका कार्यालयों/ न्यायालयों में मौजूद रहना यहां किस मजबूरी से है ? यह अब शोध का विषय बन चुका है। तहसील हरैया, प्रदेश की सबसे बड़ी तहसील बताई जाती है। यह इतनी बड़ी है कि कई नए बने जिले इससे छोटे बताए जाते हैं। ऐसे में जाहिर है यहां वादकारियों और अन्य कामों से आए लोगों की भीड़ भी किसी अन्य तहसील से कहीं ज्यादा रहती है। अब भीड़ ज...